Friday, August 26, 2011

अभी सो कर उठा हु

कोई पुशता है 
की आज आँखे नम है क्यु 

तो मुस्कुरा कर कह देता हु 
अभी अभी सो कर उठा हु

दर्द को दिल में ऐसे दबाये बेटा हु
जब याद आते है दिन बचपन के 

बैठी हो आँगन में वो जैसे 
खेलती अपने बालो से 

तिरशी कर अपनी आँखों से देखती मुझे 
बस अपने को रोक न पाता हु

सोने का बहाना बना लेता हु
देखता हु आज भी उसे जैसे 

वो बैठी हो पास मेरे जैसे

दर्द को दिल में दबा के 
थोडा सा मुस्कुरा के 

आँखे मॉल कर कह देता हु 
  • अभी अभी सो कर उठा हु

No comments: