Thursday, January 15, 2015

ये मेरे ऊन दोस्तो के लिये जीन को कहि दिनो से मिल नहीं पाया हु...


मैं भूला नहीं हूँ किसी को ...
मेरे बहुत कम दोस्त है ज़माने में ...
बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है ...
दो वक़्त की रोटी कमाने में....

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