Monday, August 22, 2011

koi khash nahi thi wo

बैटा हु आघी रात को 
कुछ लिखने की कोशिश किये जा रहा हु
खुश शब्दों का ताना बाना बुने जा रहा हु
लिखना नहीं आता फिर भी लिखने की कोशिश किये जा रहा हु में 

बैटा हु आघी रात को 
कुछ लिखने की कोशिश ......................
दोस्तों पीये हुये मत समजना
ये हकीकत है मेरी 
लिखने जा रहा हु जो बात
वो बात है मेरे दिल की
थी चाहत मेरी भी आई थी दूर से 
आकर बसी थी दिल में
जिसको देख कर मसलता था मन 
दूर से देख कर धडकता था दिल
जिन्हें याद कर सम्भलता था दिल
जिन्हें हर लम्हा याद किया करते थे हम
पास बेटकर दिल से लगाया करते थे हम

फिर एक शाम ऐसी भी आही
और किस्मत ने बक्श दी धडिया जुदाई की
दिखाया वक्त ने अपना करिश्मा रहे उल्पत में
क्या बताये अब दोस्तों
उनसे मिले अब एक अरशा बीत गया 
याद आये बीते हुये लम्हे 
आज आधी रात को 
आ गए आशु आंख से छुट  गयी पैन हाथ से 
थोडा संभल कर,पैन उठा कर,आशु पोश कर
बीते लम्हों को भुलाने की खोशिश कर रहा हु 
हो गहि वो अमानत आज किसी और की
खैर अब दिल को भी थोडा थोडा समजाया करता हु |
दोस्तों ये हकीकत है मेरी,
कल्पना मत समझना 
बात है मेरे दिल की,कविता मत समझना
बैटा हु आधी रात को 
पिये हुये मत समझना 

वो कोई खास ना थी बस ऐसे ही 
ख़ुश लिखने की कोशिश किये जा रहा हु ..........रावल 



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