Saturday, December 21, 2013

कुश बंदिशे नहीं है कुश फाशले नहे है 
कुश तुम बदल गहे हो कुश हम बदल गये है 

जो रे गही अधूरी उस बात कि माने 
कुश तुम समज गहे हो कुश हम समज गये है 
काश तुम मिले न होते तो ये रूह के फासले अब ना होते ...!!!

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