Tuesday, March 25, 2014

है इश्क़ का सफर ही कुश ऐसा ..
महोब्ब्त करने वालो को ना कभी मंज़िल मिली ना उन्होंने कभी वो रास्ते बदले ..!!!

Tuesday, March 11, 2014

जिंदगी के सारे सवाल का इक ही जबाब है … 
अपना अपना तज़ुर्बा है और अपना अपना नसीब…!!
ना खुदा नसीब लिखता है ना तो वो तक़दीर बताता है 
ना अमीर बनता है ना लकीर का फ़क़ीर बनाता है 
ये तेरे फैसले है तेरी सोच है जो तेरी इस जहाँ कि तस्वीर बनाते हैं..!!!

इक अधूरा एहसास है जो इन्सान के साथ रहता है
फिर भी इन्सान बेखबर रहता है .
आज भी ना मौत रुतबा देखती न जिंदगी दूसरा मौका देती है ……!!
अफ़सोस आज भी नहीं पत्थर दिल होने का ....!! 
शायद यही वजह है की लोग पत्थरों में खुदा तलासते 
"वो सक्स तुझे दुनिया में सबसे आधिक मोहब्बते करता है 'वक़्त'
जो रूठते हुए कहता हम तुमसे नफरते बेहिसाब करते है ...!!
सब बढ़ गए है आगे पर हम अब भी वही रुके है इंतज़ार में … 
भरोसा उसके लौटने का नहीं यकीन दुनिया के गोल होने का है.…… !!
अजीब शिकायत है आज भी अपने मुक्कदर से लोगो को 
दिन होते ही कोई मंदिर पहुच जाता है तो शाम ढले मधुशाला ...!!!
ये वक्त का सिलसिला है चलता है चलता ही रहेगा
जीतेगा वही जो वक्त के साथ बदलेगा ...!!