Ek Dairy
Ek Dost Kacha Pakka Sa
Tuesday, January 22, 2019
टुटे हुये रथचक्र में यमदंड सी क्रांती थी
वो सारथी था की विधुत राशि की विभ्रान्ती थी
अंगार सा वह वेश मोहन का महा विकराल था
छवि का खजाना लुट कर रण में खड़ा वो महाकाल था
मनोज रावल
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