दोस्तों अब के कुश ऐसा तान सुनाओ
जिससे उथल पुथल मच जाये
एक हिलोर उधर से आये
एक हिलोर इधर से आये
प्राणो के लाले पड़ जाये
त्राही त्राहि रव-नभ् में छाये
नाश और सत्यनाशो का धुँआधार जग में छा जाये
दोस्तों अब के कुश ऐसा तान सुनाओ
जिससे उथल पुथल मच जाये
जिससे उथल पुथल मच जाये
एक हिलोर उधर से आये
एक हिलोर इधर से आये
प्राणो के लाले पड़ जाये
त्राही त्राहि रव-नभ् में छाये
नाश और सत्यनाशो का धुँआधार जग में छा जाये
दोस्तों अब के कुश ऐसा तान सुनाओ
जिससे उथल पुथल मच जाये
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